POetry on 👉 ये 🦟कोरोना कि नजर🌏 दुनिया पर असर । - Unique - BloG Posts📖

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Sunday, July 12, 2020

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POetry on 👉 ये 🦟कोरोना कि नजर🌏 दुनिया पर असर ।

SumitCreator


POetry on 👉 ये 🦟कोरोना कि नजर🌏 दुनिया पर असर ।

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पहले सी अब दिखती नहीं वे रौनकें बाजार की
हर ओर सनाटा यहां
हर रोज बढ़ते फासले

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हर रोज मौतें बढ़ रहीं
हर ओर दुख के काफिले

कैसी महामारी चली
धुन थम गयी संसार की.

वे वक्त के मजदूर हैं
पर वक्त से मजबूर हैं
ताले लगे, रस्ते रुके
जाएं कहां वे दूर हैं

सुनता कहां मालिक भला
चीखें यहां लाचार की.

                     
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       है पीठ पर गठरी लदी

और कांध पर बच्चे लदे

जाना है मीलों दूर तक
पर प्राण फंदों में फँदे

है जान सांसत में पड़ी
खुद ही यहां सरकार की.

कैसा भयंकर वायरस !
जीवन हुआ इससे विरस
हर शख़्स संक्रामक हुआ
वर्जित हुआ उसका परस

बस मास्क में महफूज है
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सांसें सकल संसार की.

संदिग्ध है हर छींक तक
संगीन है वातावरण
अस्पृश्यता ने हर लिया
है सभ्यता का आवरण

चूलें एकाएक हिल उठीं
अस्तित्व के दीवार की .

है चीन से फैला जहर
ईरान पर बरसा कहर
इटली बना शमशान है
बज उठा यू.एस में बजर

संभावनाएं क्षीण हैं
इस व्याधि के उपचार की.

ठप हुए उत्पादन सभी



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चुक रहे संसाधन सभी
शेयर सभी लुढ़के पड़े
बेअसर आवाहन सभी

मंदी ने तोड़ी है कमर
दुनिया के कारोबार की.
***

3 comments:

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Anonymous said...

Mst

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Anonymous said...

Nice

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Anonymous said...

Nice